अगर ऐसा है पानी तो घर में नहीं लगा पाएंगे आरओ

अगर ऐसा है पानी तो घर में नहीं लगा पाएंगे आरओ

सेहतराग टीम

भारत के कई राज्यों में पानी की गुणवत्ता खराब है। जिसके लोग पानी को साफ करने के लिए आरओ प्यूरीफायर का प्रयोग करते हैं। लेकिन आरओ पानी को साफ करने की प्रक्रिया में बहुत अधिक पानी बर्बाद करता है। इसके कारण जलवायु पर बुरा असर पड़ रहा है। इसे देखते हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने ऐसे इलाकों में जहां पानी में अशुद्धि की मात्रा 500 (टीडीएस) से कम हो वहां आरओ की बिक्री पर रोक लगाने का फैसला किया है और संबंधित प्रशासन से इस बारे में ठोस कार्रवाई करने को कहा है। दरअसल 500 टीडीएस से कम अशुद्धि वाला पानी सामान्य वाटर प्यूरीफायर के जरिए साफ किया जा सकता है इसलिए वहां आर ओ लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। दूसरी ओर आर ओ बनाने वाली कंपनियां ऐसे घरों में भी धड़ल्ले से अपने उत्पाद लगा रही है जिससे पानी की बहुत बड़ी मात्रा बर्बाद हो रही है।

एनजीटी ने पर्यावरण मन्त्रालय को आरओ प्यूरीफायर पर रोक लगाने संबंधी अधिसूचना जारी करने में हो रही देरी पर फटकार लगाई। एनजीटी ने उन इलाकों में आरओ प्यूरीफायर पर रोक लगाने का आदेश दिया है जहां के पानी में ठोस घुलनशील तत्वों की मात्रा 500 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है।

वहीं एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने कहा कि इस आदेश को जल्दी दे लागू किया जाये क्योंकि हो रही देरी से लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।

अधिकरण ने आदेश का अनुपालन करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय को 31 दिसंबर 2019 तक आखिरी मौका दिया है और कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो मंत्रालय का संबंधित अधिकारी एक जनवरी 2020 से वेतन के लेने का हकदार नहीं होगा।

 

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